!!मेरे मन की अभिलाषा और उसकी निराशा!! !!मेरे मन की अभिलाषा और उसकी निराशा!!
आज ही के दिन लहू था बिखरा पुलवामा की माटी में। आज ही के दिन लहू था बिखरा पुलवामा की माटी में।
कुछ दोहे...। कुछ दोहे...।
कुर्सी का किस्सा ! कुर्सी का किस्सा !
उल्टा - पुल्टा ! उल्टा - पुल्टा !
मेरे चेहरे पर दुआ मेरी सलामती की, पीछे मेरी बरबादी की फरियाद, क्या मज़ाक है ! मेरे चेहरे पर दुआ मेरी सलामती की, पीछे मेरी बरबादी की फरियाद, क्या मज़ाक है !